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ए. एम. आइ. ई. के बाद एम टेक कैसे करें ?

Higher education (M Tech) after AMIE

आजकल विशेषज्ञता का जमाना है। हॉलाकि बी टेक लेवल पर कई अभियांत्रिकी आधारित बेसिक कोर्स कराये जाते हैं परंतु किसी एक अभियांत्रिकी शाखा जैसे सिविल अभियांत्रिकी, के किसी एक उपशाखा जैसे भू-अभियांत्रिकी के विशेष ज्ञान के लिये एम टेक करना आवश्यक हो जाता है। ऐसे कई इंजिनियरिंग कॉलेज हैं जहाँ से एम टेक किया जा सकता है। एम टेक करने की पहली शर्त यह है कि आपने बी टेक अथवा ए. एम. आइ. ई. किया हो।

एम टेक करने के लिये सर्वप्रथम गेट की परीक्षा अच्छे स्कोर से पास करना आवश्यक है। अगर आपका स्कोर 99 है तो इसका यह अर्थ है कि आप टॉप 1 प्रतिशत अभियार्थियो मे हैं। अगर आपका गेट स्कोर 70 से कम है तो आप फेल माने जायेंगे। 85 से ऊपर का गेट स्कोर अच्छा माना जाता है। अगर आपका गेट स्कोर 95 से अधिक है तो आपको आई आई टी मे प्रवेश के लिये प्रयास करना चाहिये। 85 से 95 के मध्य आपको रीजनल इंजिनियरिंग कॉलेजो मे प्रयास करना चाहिये। पब्लिक सेक्टर कम्पनी जैसे GAIL, BHEL इत्यादि में भी गेट स्कोर की उपयोगिता है। 

यह परीक्षा फरवरी माह के 1, 2, 8 व 9वे दिन होती है। परीक्षा पूरी तरह कम्प्यूटर आधारित (CBT) है।

इस परीक्षा हेतु विज्ञापन अगस्त/सितम्बर माह मे राष्ट्रीय स्तर के समाचार पत्रो मे निकलता है। परीक्षा परिणाम मार्च में घोषित होता है। अगर आप अच्छे स्कोर से गेट की परीक्षा पास करते हैं तो आपको एक अच्छे इंजिनियरिंग कॉलेज/आई आई टी मे प्रवेश मिलेगा। गेट पास अभियार्थियों को सी एस आई आर की लैब्स मे जूनियर रिसर्च फैलोशिप भी मिल सकती है। एडमिशन के लिये गेट स्कोर तीन साल तक प्रयोग किया जा सकता है।

एडमिशन के लिये आपको विभिन्न इंजिनियरिंग कॉलेजो/आई आई टी के प्रवेश विज्ञापनो पर निगाह रखनी होगी। ये विज्ञापन अप्रैल माह से आरंभ होकर जुलाई माह तक चलते रहते हैं।

इन कॉलेजो मे प्रवेश - गेट स्कोर, साक्षात्कार, लिखित परीक्षा तथा अनुभव के आधार पर मिलता है। सामान्यत: गेट के स्कोर को सत्तर प्रतिशत तथा लिखित परीक्षा/साक्षात्कार को तीस प्रतिशत महत्व दिया जाता है। कुछ स्थानो पर (जैसे दिल्ली इंजिनियरिंग कॉलेज) अनुभव को भी महत्व देते हैं।

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